
अजीत मिश्रा (खोजी)
।। बाराबंकी पुलिस ने साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़, आठ आरोपी गिरफ्तार।।
⭐ नौकरी और गेमिंग के नाम पर ठगते थे लोग, ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर बनते थे फर्जी पुलिस अधिकारी ।
31 दिसंबर 25, उत्तर प्रदेश।
बाराबंकी ।। साइबर अपराध पर नकेल कसने के लिए पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय के निर्देशन में चलाए जा रहे अभियान के तहत बाराबंकी पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस की संयुक्त टीम ने एक संगठित साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो देश के कई राज्यों में ऑनलाइन फ्रॉड की घटनाओं में शामिल थे।गिरफ्तारी थाना कोतवाली नगर क्षेत्र में साइबर सेल, स्वॉट, सर्विलांस यूनिट और थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के दौरान की गई। पकड़े गए आरोपियों की पहचान दीपक तिवारी (अयोध्या), अंकित कटारिया (बागपत), मीनाक्षी वर्मा (बाराबंकी), विपिन वर्मा (उत्तराखंड), अब्दुल रिजवान (लखनऊ), मोहम्मद अफजल (लखनऊ), आदर्श राज (बाराबंकी) और इमरान सलीम (बागपत) के रूप में हुई है।पुलिस ने उनके कब्जे से 12 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक टैबलेट, फर्जी अग्रीमेंट और ज्वाइनिंग लेटर सहित कई दस्तावेज बरामद किए हैं।पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि गिरोह के सदस्य ऑनलाइन गेमिंग कॉल सेंटर, ओएलएक्स, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर नौकरियों या ऑनलाइन बेटिंग गेम्स के नाम पर विज्ञापन डालते थे। बाद में संदिग्ध गतिविधियों का हवाला देकर खुद को फर्जी पुलिस अधिकारी बताते हुए लोगों को “डिजिटल अरेस्ट” करने की धमकी देते थे और उनसे पैसों की ठगी करते थे।आरोपियों के बैंक खातों से जुड़े लेन-देन की जांच में पता चला है कि इन खातों में कई राज्यों — दिल्ली, गुजरात, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र — से साइबर ठगी की रकम जमा कराई गई थी।गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ थाना कोतवाली नगर में धारा 318(4)/338/336(3)/340(2)/3(5) बीएनएस व धारा 66D आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों और नेटवर्क की जांच में जुटी है।















